परावाङ्मूलचक्रस्था पश्यन्ती नाभि-संस्थिता | हृदिस्था च मध्यमा ज्ञेया वैखरी कण्ठदेशगा ||
Pita Ji kafi achha laga..
Pita Ji kafi achha laga..
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