सोमवार, 9 जुलाई 2018

शारदा-स्तवन

अमलदार नीहार
हिन्दी विभाग

शारदा-स्तवन

कालिदास-वागर्थ इव तुलसी-मानस हंस |
दिनकर-कर 'नीहार' नव गिरा बने अवतंस ||

सत्य-सार दे शारदे! बने निराला ठाट |
दिक्प्रसार भू-भारती हिंदी-ह्रदय विराट ||

काव्य-कलागत ज्ञान का कुछ प्रसाद-अभिज्ञान |
सुख-दुख, हर्ष-विषादमय मर्म सकूँ पहचान ||

संवेदन के बाट से बुद्धि-तुला पर तोल |
सुस्मित की शुभकामना, पर आँसू अनमोल ||

रचनाकाल-२०१७ 
[नीहार-नौसई-अमलदार 'नीहार']
०९ जुलाई, २०१८

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