अमलदार नीहार
हिन्दी विभाग
शारदा-स्तवन
कालिदास-वागर्थ इव तुलसी-मानस हंस |
दिनकर-कर 'नीहार' नव गिरा बने अवतंस ||
सत्य-सार दे शारदे! बने निराला ठाट |
दिक्प्रसार भू-भारती हिंदी-ह्रदय विराट ||
काव्य-कलागत ज्ञान का कुछ प्रसाद-अभिज्ञान |
सुख-दुख, हर्ष-विषादमय मर्म सकूँ पहचान ||
संवेदन के बाट से बुद्धि-तुला पर तोल |
सुस्मित की शुभकामना, पर आँसू अनमोल ||
रचनाकाल-२०१७
[नीहार-नौसई-अमलदार 'नीहार']
०९ जुलाई, २०१८
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें